Monika garg

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लेखनी प्रतियोगिता -23-Jul-2022# परी की छड़ी

मां , मां आप कहां हो ? देखो ये बड़ा ही डरावना राक्षस मुझे लिए जा रहा है।"छोटी सी टिनीया नींद मे ही जोर जोर से रोने लगी। कुमुद ने पास मे सोई अपनी नन्ही सी परी को जब इस तरह से डरते हुए देखा तो उठकर उसे तुरंत गले लगा लिया।
"क्या हुआ बिटिया । क्या दिख रहा है सपने मे।"कुमुद ने उसे झकझोर कर उठाया।
छोटी सी टिनीया को समझ ही नही आ रहा था कि वो मां को क्या बताएं। बस यही कहती रही,"वो मुझे मार रहा था ।मेरी फ्रांक उठा रहा था । मम्मी बहुत ही डरावना राक्षस था।"
कुमुद ये देख रही थी कि जब से टिनीया को प्ले स्कूल मे डाला है वो चौथी बार इस तरीके से डर कर उठी थी।उसे समझ नही आ रहा था कि ऐसा क्या हो गया है बेटी को जो
पहले तो एकदम सही थी पर अब अचानक उसे क्या हो गया है।कभी सोचती कही उपरी हवा का असर तो नही हो गया है क्यों कि उसकी बेटी सुंदर ही इतनी थी बिल्कुल बेबी डाल लगती थी। फिर सोचती कही स्कूल मे किसी टीचर से तो नही डर रही है जो इस तरह से व्यवहार कर रही है।
कुमुद ने उसे शांत करके उसे सुला दिया ।दिन निकल आया था सोई उठकर काम पर लग गयी ।अजय को आफिस भी जाना था और टिननू की प्ले स्कूल की वैन भी आती होगी। अचानक सुबह सुबह अजय के कुछ आफिस के लोग आ गये तो टिनिया की स्कूल वैन निकल गयी ।उस दिन कुमुद ने अजय को कहा कि वो टिनिया को स्कूल छोड़ आये ।
आज टीनू बड़ी खुश थी वो झटपट तैयार हो कर पापा के मोटरसाइकिल पर जाकर बैठ गयी।
कुमुद ये देख रही थी कि आज टिनीया बडे आराम से सोई थी।उसका माथा ठनक रहा था उसे कुछ कुछ बात समझ आ रही थी ।उसने अगले दिन सुबह टिनीया को जब उठाया तो वो फिर से स्कूल जाने के लिए ठुनक ठुनक करने लगी।बस यही कह रही थी ,"पापा के साथ जाना है।"
कुमुद को अब कुछ समझ आ रहा था।उसने टिनीया को फटाफट तैयार किया और जब वैन आने को थी तो अपनी नन्ही परी से बोली ,"मेरी परी आज देखना परी रानी अपनी छड़ी लेकर आयेगी और उस राक्षस को मार भगाएगी।तुम अब स्कूल जाओ।"
नियत समय पर वैन आ गयी। कुमुद जब टिनीया को वैन मे बैठाने गयी तो वैन वाले को थोड़ी गौर से देखा। बड़ा ही अजीब सा था। लड़कों को पीछे बैठा रहा था और लड़कियों को अपने बगल वाली और पिछली सीट पर बैठा रहा था।वह स्कूल टाइम से काफी पहले आता था कुमुद के कारण पूछने पर कहता था ,"मैम ओर भी बच्चे लेने होते है जो दूर रहते है ।इस लिए इन बच्चों को जल्दी ले जाता हूं।"
आज कल की व्यस्त जिंदगी मे कोई सोचता भी नही कि इसके पीछे कोई ओर कारण भी हो सकता है ।
जैसे ही वैन वाला सोसायटी के गेट से बाहर हुआ कुमुद उससे दूरी बनाकर पीछे पीछे आटो मे उसका पीछा करने लगी।उसने दो तीन सोसायटी से कुल पांच बच्चे और लिए ।
कुमुद ने देखा अभी तो बहुत समय बाक़ी था स्कूल लगने मे ।वो कुमुद से झूठ क्यों बोलता था कि और जगहों से बच्चे लेने मे देर हो जाती है।वह लगातार आटो से उसका पीछा करती रही उसने देखा वैन वाले ने रास्ते मे एक सुनसान जगह पर वैन रोकी । कुमुद का माथा ठनका कि उसने यहां वैन क्यों रोकी।उसने देखा वैन वाला वैन से नीचे उतरा और अपने पास बैठी एक छोटी सी लड़की को वैन से उतार कर नीचे झाड़ियों मे ले जाने लगा। कुमुद चुपके से आटो से नीचे उतरी और उससे दूरी बना कर झाड़ियों मे झांक कर देखा तो दंग रह गयी वो कमीना उस नन्ही सी जान के गुप्तांगों से छेड़छाड़ कर रहा था ।वो छोटी सी जान बस कसमसा रही थी उसकी आंखों मे आंसू थे ।वो जरा जोर से रोती तो वैन वाला उसे जोर से आंखें निकाल कर डरा रहा था। कुमुद ने उस सब को अपने मोबाइल मे रिकार्ड कर लिया।अब उसके पास सबूत था उस राक्षस के खिलाफ और वह झटपट आटो मे आकर बैठ गयी उसका दिमाग सुन्न हो रहा था ।मन तो कर रहा था कि वो वैन वाले को उसी समय चप्पलों से उसकी पिटाई करे पर उस समय वो अकेली थी।उसने आटो वाले को कहा,*भाई, इस वैन से पहले मुझे स्कूल पहुंचना है।"आटो वाले ने हां मे सिर हिलाया और आटो फुल स्पीड पर भगा दिया। कुमुद फटाफट स्कूल पहुंची प्रिंसिपल मैम अभी आफिस मे आकर ही बैठी थी ।वो एकदम से अंदर चली गयी।और वहां जाकर अपना परिचय देकर तुरंत वो विडियो मैम को दिखा दी। प्रिंसिपल मैम भी सकते मे आ गयी।और तुरंत गार्ड को फोन करके कहा,"राजू वैन वाला आये तो बोलना मैम बुला रही है।"
फिर पुलिस को फोन करके तत्काल बुला लिया गया।जैसे ही वैन वाला बच्चों को लेकर आया गार्ड ने प्रिंसिपल मैम का संदेश उसे दे दिया।वो लालची आदमी यह सोचकर दौड़ा दौड़ा आफिस जाने लगा कि हो सकता है कोई नया बच्चा आना हो जिसे वैन लगानी हो।
जब वो आफिस मे गया तो वहां कुमुद और पुलिस इंस्पेक्टर को बैठा देखकर उसकी सिट्टी पिटटी गुम हो गयी।जैसे ही वो वहां पहुंचा इंस्पेक्टर ने उसका गिरेबान पकड़ कर तडातड थप्पड़ों की बरसात कर दी।वो ढीठ आदमी अभी भी यही कह रहा था कि मेरा कसूर क्या है।जब पुलिस इंस्पेक्टर ने उसे वो कुमुद वाली विडियो दिखाई तो उसका मुंह उपर ना हो सका और पुलिस उसे गिरफ्तार करके ले गयी।ये सब कुछ टिनीया क्लास रूम की खिड़की से देख रही थी और तालियां बजा बजा कर हंस रही थी। कुमुद दूर से ही छिपकर अपनी नन्ही परी को खुश होते देख रही थी।वह घर आ गयी। निश्चित समय पर मैम ने दूसरे वैन मे टिनीया को घर भेजा वो आते ही बैग रखकर अपनी मां के पास आयी और खुश हो कर बोली,"हां मां सच मे परी रानी ने अपनी छड़ी घुमाकर उस राक्षस को भगा दिया।"
कुमुद आज मन ही मन एक राक्षस को उसके किये की सजा दिलवाकर काफी हल्का महसूस कर रही थी।

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11 Comments

Madhumita

25-Jul-2022 06:44 PM

बहुत ही सुन्दर

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Seema Priyadarshini sahay

24-Jul-2022 02:19 PM

बहुत खूबसूरत

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नंदिता राय

24-Jul-2022 01:49 AM

शानदार

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